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Sunday, December 16, 2018

yaddasht kya hai yad kaise ki jati hai education in hindi

याददाश्त कैसे काम करता है 

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Photo by meo from Pexels



क्या आपको पता हैं कि हमरा याददाश्त कैसे काम करता है। जो कुछ भी हम सुनते हैं या जो कुछ भी हम देखते हैं वह सुना हुआ शब्द हो या देखा हूआ वह चित्र हो वे हमारे यादों का हिस्सा कैसे बन जाता है। जो कुछ हम पहले सीखें होते है या जो कुछ हम सिख रहें होते है वो सारे बातें हमारे यादों में कैसे रहती है यह एक आशचर्यजनक प्रक्रिया है स्मृती का जो हमको याद रखने में मदद्त करता है।

आप जनना चाहते हैं की हमारा याददाश्त कैसे काम करता है उसकी क्या प्रक्रीया हैं और क्यों हमें कोइ बात लम्बी अवधी तक याद रहति हैं और कोइ बात हम तुरन्त भूल जाते हैं। याददाश्त की पूरी प्रक्रीया जानने के लिए की हमारा स्मृति कैसे काम करता हैं ये लेख़ आपको पूरा पढ़ना होगा। 

जो कुछ हमलोग पहले सीखे होते हैं उसे याद रखने का काम स्मृति करती है ये एक मानसिक परिक्रिया है चिंतन और कल्पना इस परिक्रिया में सन्हित है। किसी बिषय या घटना को सीखने या अनुभव करने के बाद स्मृति की परिक्रिया प्रारम्भ होती है। हम अपने आवश्कतानुसार  हम अपनी चेतन से स्मृति को लाते और हम उसे याद कर  के हम अपने उत्तर मे वयक्त करते है।स्मृति के लिए कुछ घटनाये आसान होती है और कुछ मुश्किल होती है।

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स्मृति का प्रथम आवश्यक काम है गुण तथ्य एवं घटनाओ के एकत्र करना। हमें स्कूल मे सिखाया जाता है वही सीखने का स्मृति का पहला प्रक्रिया  है। स्मृति का दूसरा प्रक्रिया है उन तथ्यों एंव घटनाओं को अधिकार मे रखना जो सीखी जा चुकी है। यह सीखें  गए विषयों का संगठन है। स्मृति  का तीसरा प्रक्रिया है उन तथ्यों और घटनाओं को फिर से स्मरण प्रक्रिया के अन्तर्गत लाना जो सीखने के बाद याददाश्त मे बनी रहती है। स्मृति का चौथा प्रक्रिया है मस्तिष्क मे सीखने के बाद उप्लबध उन तथ्यों और घटनाओ को पहचानना जो हमारे मस्तिष्क मे सीखने के बाद बनी हुई है। उसे सच्चे रूप मे पुनः स्मरण कर याद करते है। 

मनोवैज्ञानिकों ने स्मृति को कई प्रकार से वर्णन किया है। जो प्रचलित प्रकार है उनको आप दो रूपों मे समक्षे। 

पहली श्रेणी मे चार प्रकार की स्मृति आती है।

1 संवेदी पटल (सहानभूति पूर्ण )  2 अल्पावधि स्मृति (छोटी याददाश्त)

3 पुर्नावृति (दोहराना )  4 दीर्घावधि स्मृति (लम्बी अवधि की याददाश्त)

संवेदी रास्तों का जो संग्रह का कार्य करता है उसे संवेदी पटल कहते है। अधिकांश सूचनाएं जो संवेदी पटल पर कुछ क्षण के लिए अंकित होती हैं वो समाप्त हो जाती हैं और जो कुछ संक्षिप्त पटल से संग्रहित होती हैं वे भी सामान्यतः संवेदी पटल से नष्ट हो जाती है। हम संवेदी पटल से सूचनाओ की जानकारी प्राप्त करने के लिए अपना ध्यान आकर्षित करते हैं जब हम ऐसा करते हैं तो जो सुचना मिल रही हैं उसे अगले उपयोग के लिए क्षणिक स्मृति को भेज देते हैं। प्रयोग द्वारा दिखाया गया हैं द्रष्टिगत (स्पस्ट दिखाई पड़ने वाला) संवेदी पटल एक सेकेण्ड तक सूचनाओ को रोके रखता हैं जबकि श्रवण (सुनना ) पटल सूचनाओ को लम्बी अवधी तक लगभग 4-5 सेकेण्ड तक रोके रखता है।

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अल्पावधि स्मृति

अल्पावधि स्मृति ( छोटी याददाश्त ) वह याददाश्त हैं जो संवेदी पटल से सूचनाओ को लेकर लगभग 30 सेकेण्ड तक रोकी रहती है रोकने के अवधी के कई कारणों पर निर्भर कराती  है। अल्पावधि स्तर की स्मृति की क्षमता बहुत छोटी होती हैं इसिलिए अधिकांश सूचनाएं जो यहाँ एकत्रित होती हैं वो नष्ट हो जाती है। अतः और अन्य प्रकार की सूचनाएं इनका स्थान ग्रहण कर लेती है। जो सूचनाएं नष्ट होती हैं उसके पहले कुछ सूचनाये फिर से प्राप्त हो जाती हैं और उसका उपयोग हो जाता है। 

जब हम उन सूचनाओ का खोज करते हैं या जब हम पुनः इसके किसी प्रकरण को प्राप्त करने का कोशिश  करते हैं तो प्रत्येक प्रकरण को अल्पावधि स्मृति में परिक्षण करते हैं सूक्ष्म परिक्षण की प्रक्रिया जारी रहती हैं जब तक अल्पावधि स्मृति के सभी प्रकरणों का परिक्षण नहीं हो जाता। छोटी याददाश्त की सूचनाएं न तो पूरी तरह से समाप्त होती हैं और न ही फिर से प्राप्त होती है। बल्की दूसरे स्मृतीस्तर में चली जाती है।


हम आगे की आर्टिकल में बताये गें की कैसे कोई याददाश्त हमारे दिमाग में हमेशा के लिए रह जाती हैं और उसको हम अपने जरुरत के अनुशार उसका कैसे उपयोग करते हैं।

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3 comments:

  1. Jhakash bahut achha blog h padh ke maza aaya

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  2. Nice line sir
    Next Article kb de rhe hai
    Sir Baby ko kb kya diet de Eske bare be v bataye plzzz

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  3. thanks for comment jarur bataye ge aap page ki visit karte rahiye

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