personality kya hoti hai what is personality (व्यक्तित्व क्या हैं ?)
हमनें बहुत सुना हैं व्यक्ति और वयक्तित्व (PERSONALITY) के बारे में लेकिन हम समझ नहीं पाते की PERSONALITY होता क्या हैं। हम अपने स्कूल, कॉलेज या अन्य जगहों पर किसी न किसी को व्यक्तित्व (personality) के बारे में बात करते हुए सुने और देखे होंगे। लेकिन हम उसके सही परिभाषा को नहीं जान पाते हैं।
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इस ARTICLE में हम समझे गें कि PERSONALITY क्या होती हैं ? किसी का व्यक्तित्व कैसे निर्धारित किया जाता हैं। किसी का व्यक्तित्व समझने के लिए उस व्यक्ति के कौन -कौन से गुणों को समझा जाता हैं।
बहुत से मनोवैज्ञानिकों ने personality का अनेकों परिभाषाएं दी है हम आपको उन परिभाषाओ में से कुछ चुनिंदा और प्रचलित परिभाषा बतायेंगे।
आलपोर्ट (1937) के अनुशार वयक्तित्व शब्द मूल रूप से लैटिन भाषा के शब्द पर्सोना से लिया गया हैं जिसका मतलब होता हैं मुखवटा (नक़ाब) व्यक्तित्व (personality) को चार महत्वपूर्ण अर्थो में प्रयोग किया गया हैं।
- personality व्यक्ति के व्यक्तिगत गुणों का एकीकरण हैं।
- personality को उन रूपों में मन जाता हैं की दूसरे लोग या समाज उस व्यक्ति के बारे में कैसा सोचते और समझते हैं।
- personality (व्यक्तित्व) व्यक्ति द्रारा जीवन में किये गए कार्य और उसके द्रारा निर्वाह की जा रही भूमिका के आधार पर निर्धारित किया जाता हैं। जैसे - उसके व्यवसायिक जीवन सामाजिक जीवन और राजनितिक भूमिका के आधार पर निर्धारित किया जाता हैं।
- personality व्यक्ति के मान्यताओं और विशिष्टताओं के गुणों को सन्दर्भित करता हैं।
सामाजिक आधार के रूप में व्यक्तित्व
YE BHI PADHE
आलपोर्ट (1924) - personality को परिभाषित करते हुए कहा हैं सामाजिक उद्दीपक (प्रेरक) व्यक्ति द्रारा अपने समाज और पर्यावरण के सामाजिक स्वरूपों के अनुकूल उसके गुणों के अनुशार उसका चरित्र ही व्यक्तित्व हैं।
प्रेरणा के रूप में व्यक्तित्व
हम स्पस्ट देखते हैं की समाज में किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व किसी दूसरे या अन्य व्यक्तियों का व्यक्तित्व का प्रभाव उस व्यक्ति के व्यक्तित्व पर होता हैं। या समाज में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को प्रभावित करता हैं।
हम देखते हैं की कोइ व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को बहुत तेजी से और सफलता पूर्वक प्रभावित करता हैं तो उस व्यक्ति का पर्सनालिटी प्रभावशाली माना जाता हैं
ऐसा हम अपने दैनिक जीवन में भलीभाँति देख सकते हैं की जो व्यक्ति हमें आकर्शित या प्रभाविक करता हो उसके बारे में हम कहते हैं की वह अच्छे personality वाला व्यक्ति हैं।
लेकिन व्यक्तित्व के यह विचारधार वैज्ञानिक नहीं हैं क्योंकि अलग-अलग व्यक्ति का अलग अलग दिष्टिकोण होता हैं।
मन (1953) - के अनुशार personality व्यक्ति के संरचना के अधिकांश चारित्रिक गुणों जैसे व्यक्ति का व्यवहार, व्यक्ति का रूचि, व्यक्ति का मनोवृति, व्यक्ति का क्षमता ,व्यक्ति का योग्यता तथा अभिक्षमताओ का समाकलन हैं।
PERSONALITY (व्यक्तित्व) के विशेषगुण
क्रच एंव क्रेचफील्ड (1958) - के अनुशार विशेषगुण को परिभाषित करते हुए बताया हैं की यह व्यक्ति के विशिष्ठ गुणों का विशेषक हैं जिसके द्रारा व्यक्ति किसी भी परिस्थितियों में व्यक्ति सकारात्मक व्यवहार करता हैं। हम व्यक्ति को उसके तुलनात्मक गतिविधियों और उसके अवलोकन गतिविधियों द्रारा जान सकते हैं
किसी व्यक्ति का अवलोकन हम उसके विचार , उसके सोच , उसके जागरूकता या इन सभी के प्रति उसका क्या प्रतिक्रिया हैं उसके आधार पर कर सकते हैं। गुणों और सम्पतियों के पक्ष जिसपे हम विचार कर रहे हैं ये सभी "विशेषगुण" हैं। ये "विशेषगुन" व्यवहार सम्बन्धी भी होते हैं और शारीरिक भी होते हैं
आलपोर्ट के अनुशार व्यक्ति के विशेषगुण कुछ इस प्रकार के होते हैं।
- विशेषगुण की उपस्थिति नाममात्र से अधिक होती हैं।
- विशेषगुण आदतों के तुलना में अधिक सामान्य होती हैं।
- विशेषगुण गतिशील होते हैं अथवा कम से कम निर्धारक के रूप में अवश्य होते हैं।
- विशेषगुणों की उपस्थिति आँकड़ा एंव अनुभव पर स्थापित की जा सकती हैं।
- वयक्तित्व के अनेक विशेषगुण एक दूसरे पर आश्रित नहीं होते।
- मनोवैज्ञानिक आधार पर नैतिक गुण व्यक्तित्व के विशेषगुण नहीं होते।
- कार्य -गुण अथवा आदत जो विशेषगुण के अनुरूप या पक्ष में नहीं होते उनमे विशेषगुण की विद्यमानता का साक्ष्य नहीं मिलता।
- विशेषगुण अद्वितीय (UNIQUE) तथा सारभैमिक (UNIVERSAL) होते हैं।
aapko ye article kaise lga hme jarur comment me bataye,
Very good knowledge.Nice Line
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